108 आचार्य श्री कल्याण सागर जी महाराज
महू-नीमच हाईवे रोड पर मन्दसौर शहर से मात्र 13 कि। मी। की दुरी पर आचर्य श्री कल्याणसागर जी महाराज का समाधिस्थल, श्री णमोकार महामंत्र साधना केन्द्र प्रदेश मे ही नही अपितु पूरे देश मे आस्था का केन्द्र बन गया है! प्रकृति के सुरम्य वातावरण मे फ़ैले इस पवित्र क्षेत्र मे प्रारम्भ मे श्री आदिनाथ जिनालय एवं ध्यान केन्द्र की स्थापना की गई है! धीरे-धीरे क्षेत्र का विकास हुआ और आचार्य श्री कल्याणसागर जी म. सा. की भावना के अनुरुप यहा भगवान पार्श्वनाथ के भव्य मन्दिर एवं मान स्तंभ का निर्माण करवाया गया! मन्दिर की मुख्य वेदी मे भगवान पार्श्वनाथ कि कालेप्रस्तर की अत्यन्त मनोहर, पद्मासन प्रतिमा स्थपित की गई, दुसरे तल पर भी भगवान पर्श्वनाथ की प्रस्तर एवं अष्ठधातु की विशाल प्रतिमाएं विराजमान की गई है! इसके साथ ही चौबीसो तीर्थंकरो की प्रतिमाएं चौबीसी के रुप मे दर्शनार्थ विरजित है! श्री णमोकार महामंत्र साधना केन्द्र, महू-नीमच हाइवे पर स्थित होने से लम्बी यात्राओं पर निकलने वाले यात्रियो के लिये ठहरने व रात्री विश्राम हेतु भी यह उप्युक्त स्थल है! अतः यहा सुदुर क्षेत्र से आने वाले श्रावक भी यहा आकर दर्शन आदि का लाभ प्राप्त करते है! वास्तव मे यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां असीम आनन्द व शान्ति की अनुभूती की जा सकती है! यहा तीर्थ वन्दना कर सातिशय पुण्य लाभ प्राप्त करते हुए आनन्द के स्पंदन को प्राप्त किया जा सकता है!
श्री णमोकार महामंत्र केन्द्र महू-नीमच हाईवे पर स्थित होने से सभी दर्शनार्थियो के लिये तीर्थ पर ठहरने व भोजनशाला की उपयुक्त व्यवस्था है! तीर्थ पर निम्न सुविधाएं उपलब्ध है- आवास सुविधा - कमरे(अटेच बाथरुम) 13, हाल 2 (यात्री क्षमता 50), गेस्ट हाउस 6 एवं विश्राम गृह 20 एवं भोजनशाला उपलब्ध है ! आहार कक्ष - साधु-साध्वी एवं त्यागी व्यक्तियों के लिये आहार सुविधा ! जलपान गृह - नाश्ता , चाय , दुध आदि की सुविधा ! विद्यालय - बालक / बालिका हायर सेकेण्डरी स्कुल (800 विद्यार्थी अध्ययनरत) शिक्षा का माध्यम - हिन्दी एवं अग्रेजी !